Gyan Kumbh:ज्ञान कुंभ

तितली और छोटी सी सखी

यह कहानी छह साल की भारतीय बच्ची अन्वी और एक रंग-बिरंगी तितली की अनोखी दोस्ती पर आधारित है। अन्वी रोज़ बगीचे में जाती है, फूलों से बात करती है और तितलियों को निहारती है। एक दिन, एक तितली उससे सचमुच बात करने लगती है! तितली उसे फूलों की कहानियाँ सुनाती है और प्रकृति से प्रेम करना सिखाती है। दोनों की यह प्यारी दोस्ती बगीचे को एक जादुई जगह बना देती है। यह कहानी बच्चों में कोमलता, प्रकृति प्रेम और सच्ची दोस्ती की भावना को जगाती है। एक सुंदर, भावनात्मक और प्रेरणादायक कथा जो हर बच्चे के दिल को छू जाएगी।

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7/26/20251 min read

तितली और छोटी सी सखी

एक सुंदर सुबह थी। सूरज की हल्की किरणें बगीचे में खेल रही थीं। फूल खिले थे और हवा में भीनी-भीनी खुशबू थी। उसी बगीचे में एक छह साल की प्यारी सी लड़की "अन्वी" खेल रही थी। अन्वी को फूलों से, पत्तों से और खासकर तितलियों से बहुत प्यार था।

अचानक, एक रंग-बिरंगी तितली उसके पास आकर बैठ गई।

अन्वी मुस्कुराई और धीरे से बोली,
"तुम कितनी सुंदर हो! क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी?"

तितली पंख फड़फड़ाते हुए बोली (हां, वो तितली बोल सकती थी),
"मैं तो कब से तुम्हारी दोस्त बनना चाहती थी! तुम हमेशा फूलों को प्यार से देखती हो, उन्हें तोड़ती नहीं।"

अन्वी हैरान हो गई, "तुम सच में बोल सकती हो? वाह!"

तितली हँसते हुए बोली,
"हम तितलियाँ केवल उन्हीं से बात करती हैं, जिनका दिल फूलों जितना कोमल होता है। और तुम्हारा दिल सबसे प्यारा है।"

फिर दोनों बगीचे में घूमने लगे। तितली ने अन्वी को हर फूल की कहानी सुनाई गुलाब की शर्मीली मुस्कान, सूरजमुखी का सूरज से प्यार, और चंपा की मीठी खुशबू।

अन्वी ने पूछा,
"तुम हर दिन कहां जाती हो?"

तितली बोली,
"मैं दुनिया भर के बगीचों में जाती हूं, पर तुम्हारा बगीचा सबसे सुंदर है, क्योंकि यहाँ तुम हो।"

उस दिन के बाद, हर सुबह अन्वी बगीचे में आती और तितली उसका इंतजार करती। दोनों दोस्त बातें करते, हँसते और फूलों की दुनिया में खो जाते।

बगीचा अब सिर्फ पेड़-पौधों का घर नहीं था, वो बन गया था एक सच्ची दोस्ती की जादुई दुनिया।